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Showing posts from December, 2017

New year ki kavita, रामधारी सिंह दिनकर की कविता।

*कुछ मित्रों ने अभी से नव वर्ष की अग्रिम शुभकामना की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है!!* इस परिप्रेक्ष्य मे मैं आप  सब के समक्ष राष्ट्रकवि श्रद्धेय रामधारी सिंह " दिनकर " जी की कविता प्रस्तुत कर रहा हूँ। ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं!! है अपनी ये तो रीत नहीं है अपना ये व्यवहार नहीं!! धरा ठिठुरती है सर्दी से आकाश में कोहरा गहरा है!! बाग़ बाज़ारों की सरहद पर सर्द हवा का पहरा है!! सूना है प्रकृति का आँगन कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं!! हर कोई है घर में दुबका हुआ नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं!! चंद मास अभी इंतज़ार करो!! निज मन में तनिक विचार करो!! नये साल "नया" कुछ हो तो सही!! क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही!! उल्लास मंद है जन -मन का आयी है अभी बहार नहीं!! ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं!! ये धुंध कुहासा छंटने दो!! रातों का राज्य सिमटने दो!! प्रकृति का रूप निखरने दो!! फागुन का रंग बिखरने दो!! प्रकृति दुल्हन का रूप धार जब स्नेह – सुधा बरसायेगी!! शस्य – श्यामला धरती माता घर -घर खुशहाली लायेगी!! *तब "चैत्र शुक्ल&

Bhagwan ram aur krishna ki story

दो सुन्दर प्रसंग एक श्रीकृष्ण की और एक श्री राम की माखन चोरी का.... माखन चोर नटखट श्री कृष्ण को रंगे हाथों पकड़ने के लिये एक ग्वालिन ने एक अनोखी जुगत भिड़ाई। उसने माखन की मटकी के साथ एक घंटी बाँध दी, कि जैसे ही बाल कृष्ण माखन-मटकी को हाथ लगायेगा, घंटी बज उठेगी और मैं उसे रंगे हाथों पकड़ लूँगी। बाल कृष्ण अपने सखाओं के साथ दबे पाँव घर में घुसे। श्री दामा की दृष्टि तुरन्त घंटी पर पड़ गई और उन्होंने बाल कृष्ण को संकेत किया। बाल कृष्ण ने सभी को निश्चिंत रहने का संकेत करते हुये, घंटी से फुसफसाते हुये कहा:- "देखो घंटी, हम माखन चुरायेंगे, तुम बिल्कुल मत बजना" घंटी बोली "जैसी आज्ञा प्रभु, नहीं बजूँगी" बाल कृष्ण ने ख़ूब माखन चुराया अपने सखाओं को खिलाया - घंटी नहीं बजी। ख़ूब बंदरों को खिलाया - घंटी नहीं बजी। अंत में ज्यों हीं बाल कृष्ण ने माखन से भरा हाथ अपने मुँह से लगाया , त्यों ही घंटी बज उठी। घंटी की आवाज़ सुन कर ग्वालिन दौड़ी आई। ग्वाल बालों में भगदड़ मच गई। सारे भाग गये बस श्री कृष्ण पकड़ाई में आ गये। बाल कृष्ण बोले - "तनिक ठहर गोपी , तुझे जो सज़ा देनी है वो दे दीजो

Happy New Year Greeting

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Pizato Help

Q.1. Pizato क्या है? और इसकी ख़ासियत क्या है? Ans. Pizato एक भारतीय सोशल app है जो की और सोशल apps से बिलकुल अलग है और इसे इस्तेमाल करना मज़ेदार है। इस भारतीय app की सबसे ख़ास बात यह है कि इसमें आप अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों प्रोफाइल एक साथ बना सकते हैं। अगर आप अपना प्रोफेशनल मोबाइल नंबर अलग रखना चाहते हैं तो आप दूसरा नंबर verify करके अपने प्रोफेशनल प्रोफाइल को पर्सनल प्रोफाइल से बिलकुल अलग कर सकते हैं जिससे आप अपनी पर्सनल इमेजेज, वीडिओज़, और आपकी राइटिंग्स आपके प्रोफेशनल से जुड़े लोगों तक नहीं पहुचेगी। पर्सनल प्रोफाइल में जब आप कोई इमेज , विडियो या राइटिंग्स अपलोड करते हैं तो आपको तीन तरह की पब्लिक, प्राइवेट, और माई कॉन्टेक्ट जैसी प्राइवेसी मिलती है जिसका इस्तेमाल करके आप अपने कंटेंट को सुरक्षित कर सकते हैं। आपके पर्सनल प्रोफाइल में newsome सेक्शन है जहाँ पर आपको सभी पीज़टो यूज़र के uploads आप तक पहुचते रहते हैं अगर आप भी कोई अपलोड पब्लिक करके अपलोड करते हैं तो pizato के जितने यूज़र्स हैं उन सभी के पास आपके द्वारा किया हुआ अपलोड पहुँच जाएगा। अपने पर्सनल प्रोफाइल में चैट के साथ और भी क

मज़ेदार चुटकुले..😀😀😂😂

चुटकुले जिसे पढ़कर आप हँस-हँस कर लोटपोट हो जाएंगे:  ठंड का समय था... जुड़वां बच्चे अपने कमरे में बैठे थे। . एक हंस-हंस के लोटपोट हो रहा था, जबकि दूसरा उदास था। . पिता: इतना क्यों हंस रहे हो?  . . . बच्चा: मम्मी ने दोनों बार इसी को नहला दिया …!  आज एक भाई साहब पेड़ पर उल्टा लटक रहे थे... मैंने पूछा: किस खुशी में लटके हो भाई? भाई ने कहा: सिरदर्द की गोली खाई है, कहीं पेट में न चली जाए! 裸裸裸裸裸裸 एक तो आप मुस्कराते भी खूब हो  फिर दूसरा शरमाते भी खूब हो.. दिल तो चाहता आप को  Happy New Year के दावत पर बुलाऊँ मगर सुना है, आप खाते भी खूब हो....  दावत कैंसिल....   एक लडका गुटखा खा  रहा था। तभी एक खुबसुरत लड़की वहाँ आई ओर बोली- लड़कीः आप कितने सालो से गुटखा... खाते हैं ??... लडका : आठ साल से! लङकीः अगर आप इतने पैसे बचाते तो, वो सामने खड़ी स्कॉर्पियो आपकी होती।... लडका: आप गुटखा खाती  हैं ? लङकीः नहीं। लडका: तो आपके पास स्कॉर्पियो है ? लङकीः नहीं !.... लडका: तो तू ज्यादा ज्ञान मत बाँटा कर, वो स्कॉर्पियो मेरी ही है!! लडकी

Mazedaar joke

हँसी रोक नही पावोगे ....... पुलिस वाले दरवाजा खटखटाते है मैडम:कौन ? जी हम पुलिस है। आपके पति का एक्सिडेंट हो गया है उनके ऊपर से गाडी गुजर गई है वो एकदम पापड़ बन गए है ! मैडम:तो दरवाजा खोलने की क्या जरुरत है नीचे से ही सरका दो 

Best thought..ek bachche ki soch jo sabhi bachcho ki honi chahiye.

✍ बाहर बारिश हो रही थी, और अन्दर क्लास चल रही थी. तभी टीचर ने बच्चों से पूछा - अगर तुम सभी को 100-100 रुपया दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ? किसी ने कहा - मैं वीडियो गेम खरीदुंगा.. किसी ने कहा - मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा.. किसी ने कहा - मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी.. तो, किसी ने कहा - मैं बहुत सी चॉकलेट्स खरीदुंगी.. एक बच्चा कुछ सोचने में डुबा हुआ था टीचर ने उससे पुछा - तुम क्या सोच रहे हो, तुम क्या खरीदोगे ? बच्चा बोला -टीचर जी मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है तो मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा ! टीचर ने पूछा - तुम्हारी माँ के लिए चश्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते है तुम्हें अपने लिए कुछ नहीं खरीदना ? बच्चे ने जो जवाब दिया उससे टीचर का भी गला भर आया ! बच्चे ने कहा -- मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं है मेरी माँ लोगों के कपड़े सिलकर मुझे पढ़ाती है, और कम दिखाई देने की वजह से वो ठीक से कपड़े नहीं सिल पाती है इसीलिए मैं मेरी माँ को चश्मा देना चाहता हुँ, ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकूँ बड़ा आदमी बन सकूँ, और माँ को सारे सुख दे सकूँ.! टीचर -- बेटा तेरी सोच ही ते

New jokes..haste hi rah jaaoge.

New jokes.. बिलकुल नया, हँसते रह जाओगे 😂😊😀😁😂😊😀😁 गुरूजी विद्यालय से घर लौट रहे थे । रास्ते में एक नदी पड़ती थी । नदी पार करने लगे तो ना जाने क्या सूझा , एक पत्थर पर बैठ अपने झोले में से पेन और कागज निकाल अपने वेतन का हिसाब निकालने लगे । अचानक….., हाथ से पेन फिसला और डुबुक …. पानी में डूब गया । गुरूजी परेशान । आज ही सुबह पूरे पांच रूपये खर्च कर खरीदा था । कातर दृष्टि से कभी इधर कभी उधर देखते , पानी में उतरने का प्रयास करते , फिर डर कर कदम खींच लेते । एकदम नया पेन था , छोड़ कर जाना भी मुनासिब न था । अचानक……. पानी में एक तेज लहर उठी , और साक्षात् वरुण देव सामने थे । गुरूजी हक्के -बक्के । कुल्हाड़ी वाली कहानी याद आ गई । वरुण देव ने कहा , ”गुरूजी, क्यूँ इतने परेशान हैं । प्रमोशन , तबादला , वेतनवृद्धि ,क्या चाहिए ? गुरूजी अचकचाकर बोले , ” प्रभु ! आज ही सुबह एक पेन खरीदा था । पूरे पांच रूपये का । देखो ढक्कन भी मेरे हाथ में है । यहाँ पत्थर पर बैठा लिख रहा था कि पानी में गिर गया प्रभु बोले , ” बस इतनी सी बात ! अभी निकाल लाता हूँ ।” प्रभु ने डुबकी लगाई , और चाँदी का एक चमचमाता पेन लेकर बाहर

कर्म और फ़ल का ज्ञान।

🌫🌫🌫🌫 *प्रारब्ध* 🌫🌫🌫🌫 एक गुरूजी थे । हमेशा ईश्वर के नाम का जाप किया करते थे । काफी बुजुर्ग हो गये थे । उनके कुछ शिष्य साथ मे ही पास के कमरे मे रहते थे । जब भी गुरूजी को शौच; स्नान आदि के लिये जाना होता था; वे अपने शिष्यो को आवाज लगाते थे और शिष्य ले जाते थे । धीरे धीरे कुछ दिन बाद शिष्य दो तीन बार आवाज लगाने के बाद भी कभी आते कभी और भी देर से आते । एक दिन रात को निवृत्त होने के लिये जैसे ही गुरूजी आवाज लगाते है, तुरन्त एक बालक आता है और बडे ही कोमल स्पर्श के साथ गुरूजी को निवृत्त करवा कर बिस्तर पर लेटा जाता है । अब ये रोज का नियम हो गया । एक दिन गुरूजी को शक हो जाता है कि, पहले तो शिष्यों को तीन चार बार आवाज लगाने पर भी देर से आते थे । लेकिन ये बालक तो आवाज लगाते ही दूसरे क्षण आ जाता है और बडे कोमल स्पर्श से सब निवृत्त करवा देता है । एक दिन गुरूजी उस बालक का हाथ पकड लेते है और पूछते कि सच बता तू कौन है ? मेरे शिष्य तो ऐसे नही हैं । वो बालक के रूप में स्वयं ईश्वर थे; उन्होंने गुरूजी को स्वयं का वास्तविक रूप दिखाया। गुरूजी रोते हुये कहते है : हे प्रभु आप स्वयं मेरे निवृत्ती के कार