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Mazedaar joke

हँसी रोक नही पावोगे ....... पुलिस वाले दरवाजा खटखटाते है मैडम:कौन ? जी हम पुलिस है। आपके पति का एक्सिडेंट हो गया है उनके ऊपर से गाडी गुजर गई है वो एकदम पापड़ बन गए है ! मैडम:तो दरवाजा खोलने की क्या जरुरत है नीचे से ही सरका दो 

Best thought..ek bachche ki soch jo sabhi bachcho ki honi chahiye.

✍ बाहर बारिश हो रही थी, और अन्दर क्लास चल रही थी. तभी टीचर ने बच्चों से पूछा - अगर तुम सभी को 100-100 रुपया दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ? किसी ने कहा - मैं वीडियो गेम खरीदुंगा.. किसी ने कहा - मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा.. किसी ने कहा - मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी.. तो, किसी ने कहा - मैं बहुत सी चॉकलेट्स खरीदुंगी.. एक बच्चा कुछ सोचने में डुबा हुआ था टीचर ने उससे पुछा - तुम क्या सोच रहे हो, तुम क्या खरीदोगे ? बच्चा बोला -टीचर जी मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है तो मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा ! टीचर ने पूछा - तुम्हारी माँ के लिए चश्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते है तुम्हें अपने लिए कुछ नहीं खरीदना ? बच्चे ने जो जवाब दिया उससे टीचर का भी गला भर आया ! बच्चे ने कहा -- मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं है मेरी माँ लोगों के कपड़े सिलकर मुझे पढ़ाती है, और कम दिखाई देने की वजह से वो ठीक से कपड़े नहीं सिल पाती है इसीलिए मैं मेरी माँ को चश्मा देना चाहता हुँ, ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकूँ बड़ा आदमी बन सकूँ, और माँ को सारे सुख दे सकूँ.! टीचर -- बेटा तेरी सोच ही ते

New jokes..haste hi rah jaaoge.

New jokes.. बिलकुल नया, हँसते रह जाओगे 😂😊😀😁😂😊😀😁 गुरूजी विद्यालय से घर लौट रहे थे । रास्ते में एक नदी पड़ती थी । नदी पार करने लगे तो ना जाने क्या सूझा , एक पत्थर पर बैठ अपने झोले में से पेन और कागज निकाल अपने वेतन का हिसाब निकालने लगे । अचानक….., हाथ से पेन फिसला और डुबुक …. पानी में डूब गया । गुरूजी परेशान । आज ही सुबह पूरे पांच रूपये खर्च कर खरीदा था । कातर दृष्टि से कभी इधर कभी उधर देखते , पानी में उतरने का प्रयास करते , फिर डर कर कदम खींच लेते । एकदम नया पेन था , छोड़ कर जाना भी मुनासिब न था । अचानक……. पानी में एक तेज लहर उठी , और साक्षात् वरुण देव सामने थे । गुरूजी हक्के -बक्के । कुल्हाड़ी वाली कहानी याद आ गई । वरुण देव ने कहा , ”गुरूजी, क्यूँ इतने परेशान हैं । प्रमोशन , तबादला , वेतनवृद्धि ,क्या चाहिए ? गुरूजी अचकचाकर बोले , ” प्रभु ! आज ही सुबह एक पेन खरीदा था । पूरे पांच रूपये का । देखो ढक्कन भी मेरे हाथ में है । यहाँ पत्थर पर बैठा लिख रहा था कि पानी में गिर गया प्रभु बोले , ” बस इतनी सी बात ! अभी निकाल लाता हूँ ।” प्रभु ने डुबकी लगाई , और चाँदी का एक चमचमाता पेन लेकर बाहर

कर्म और फ़ल का ज्ञान।

🌫🌫🌫🌫 *प्रारब्ध* 🌫🌫🌫🌫 एक गुरूजी थे । हमेशा ईश्वर के नाम का जाप किया करते थे । काफी बुजुर्ग हो गये थे । उनके कुछ शिष्य साथ मे ही पास के कमरे मे रहते थे । जब भी गुरूजी को शौच; स्नान आदि के लिये जाना होता था; वे अपने शिष्यो को आवाज लगाते थे और शिष्य ले जाते थे । धीरे धीरे कुछ दिन बाद शिष्य दो तीन बार आवाज लगाने के बाद भी कभी आते कभी और भी देर से आते । एक दिन रात को निवृत्त होने के लिये जैसे ही गुरूजी आवाज लगाते है, तुरन्त एक बालक आता है और बडे ही कोमल स्पर्श के साथ गुरूजी को निवृत्त करवा कर बिस्तर पर लेटा जाता है । अब ये रोज का नियम हो गया । एक दिन गुरूजी को शक हो जाता है कि, पहले तो शिष्यों को तीन चार बार आवाज लगाने पर भी देर से आते थे । लेकिन ये बालक तो आवाज लगाते ही दूसरे क्षण आ जाता है और बडे कोमल स्पर्श से सब निवृत्त करवा देता है । एक दिन गुरूजी उस बालक का हाथ पकड लेते है और पूछते कि सच बता तू कौन है ? मेरे शिष्य तो ऐसे नही हैं । वो बालक के रूप में स्वयं ईश्वर थे; उन्होंने गुरूजी को स्वयं का वास्तविक रूप दिखाया। गुरूजी रोते हुये कहते है : हे प्रभु आप स्वयं मेरे निवृत्ती के कार

Gussa ya dar bhagane ka sahi tarika

Gussa ya dar door krne ka aasan tarika Aaj hum bat kar rahe hai gusse aur dar ki .  Aksar log kahte hain ki hume bhut gussa aata hai . To jo log aisa khte hain unko hum ye btana chahte hain ki darasal unhe gussa aata hi nahi gussa kisi ko nahi aata balki wo log gussa karte hain kyuki jo bhi cheez aati hai use krna padta hai jaise bhukh bhukh lagna , toilet aana ye sab swabhavik aati hain to krna padta hai lekin gussa ana swabhavik nahi hai to krna bhi compulsory nahi hai. Jo log aisa mante hain ki unhe gussa aata hai unko ye accept krna padega ki gussa aata nahi balki krte hain to jab gussa kiya jata hai to controlling power bhi unhi ke hath me hoti hai aur jahan par controlling power aapke hath me hai to gusse ko aap hi control kareinge. Isliye jab hum ye accept kr lenge ki hume gussa nahi aata to hum gussa aayega hi nahi ye had tak satya hai. Ab baat krte hai dar ki. Dar ke baare me humse behtar kaun jaanta hoga bachpan me jab main seedhiyon se neeche utarta tha andhere me to

Jeevan Shaili

डर या लालच आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आज कल लोगों के अंदर या तो डर है या फिर कुछ भी पाने की लालच । ये दोनों बातें लगभग सभी के जीवन से जुड़ी हुई है । इसके बारे में विस्तार से बात करने से पहले आइये हम दो डायलॉग पढ़ते हैं। 1. बिटिया अगर आपके exam में अच्छे नंबर आ गए तो आपको mobile फ़ोन या जो तुम कहोगी वो मिल जायेगा। 2. बेटा अगर exam में अच्छे नंबर नहीं आये तो यहाँ से नाम कटवाकर हॉस्टल में भेज देंगें वहीं पढ़ना या फिर रिक्शा चलाना । आपने पढ़ा की एक डायलॉग में डर है और दूसरे में लालच । ये हम अपने बच्चों को ही नहीं कहते और न ही सिर्फ़ पढ़ाई के क्षेत्र में है बल्कि हर एक क्षेत्र में है ,चाहे ऑफिस हो या घर,पैसा हो या परिवार ,समाज हो या सियासत,टीवी पे कोई ऐड हो या मॉल में शॉपिंग करना।चारों तरफ या तो डर है या मुफ्त में पाने की लालच और इसी की बदौलत कुछ शातिर लोग हमारी मानसिकता का फायदा उठा कर मालामल होते हैं और कुछ भोले-भाले लोग इनका शिकार। आखिर ऐसा क्यों होता है?क्योंकि आजकल सभी लोग अपनी भौतिक सुविधाओं को पूरा करने के लिए पैसा कमाने की चाह रखते हैं,जिसके तहत वे लोग इसका फायदा उठाते हैं। वै